टेंट व्यवसायियों ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से लगाई निर्णय वापस लेने की गुहार

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विवाह व सामाजिक आयोजनों में मेहमानों की संख्या 200 से घटाकर 50 किए जाने से टेंट व्यवसाय पर संकट के बादल छा गए हैं। ऑल इंडिया टेंट डीलर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन (एआइटीडीडब्ल्यूओ) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भेज इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया है। पत्र में लिखा है कि व्यवसायी बुकिंग की राशि लेकर उसे तैयारियों पर खर्च कर चुके हैं। बुकिंग रद होने पर ग्राहकों को उनकी धनरशि लौटाने की स्थिति में नहीं हैं।

एआइटीडीडब्ल्यूओ के चेयरमैन अनिल कुमार आजाद ने बताया कि लॉकडाउन में विवाह समारोह व सामाजिक आयोजनों पर रोक लगने की वजह से टेंट व्यवसाय पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था। लॉकडाउन में ढील मिलने पर समारोह में बहुत कम अतिथियों को बुलाने की अनुमति के कारण टेंट व आतिथ्य सत्कार से जुड़े सभी व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित थेे। उन्होंने बताया कि कुछ वक्त पहले दिल्ली सरकार ने समारोह व आयोजनों में 200 अतिथियों को बुलाने की अनुमति दी थी। उसके बाद आतिथ्य सत्कार से जुड़े व्यवसाय गति पकड़ने लगे। लोगों ने समारोह के लिए आयोजन स्थल, टेंट और कैटरिंग की बुकिंग कराई।


देव उठनी एकादशी के बाद यह व्यवसाय पूरी रफ्तार पकड़ता, उससे पहले ही दोबारा समारोह में अतिथियों की संख्या 200 से घटाकर 50 कर दी गई। इससे टेंट व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एआइटीडीडब्ल्यूओ ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस निर्णय को वापस लेने की गुजारिश की गई है। एआइटीडीडब्ल्यूओ के अध्यक्ष विपुल सिंघल का कहना है कि टेंट व्यवसायी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पूर्ण पालन करने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग समारोह के कार्ड बांट चुके है। उनके सामने भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है।


दरअसल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दो दिन पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर विवाह समारोह में आने वालों की संख्या कम करने के लिए पत्र लिखा था जिस पर उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी। इसके बाद टेंट व्यवसायियों ने इस संख्या को बढ़ाने के लिए लेटर लिखा है।

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