जानिये- किसानों के धरना-प्रदर्शन में क्यों तेजी से घट रही है युवाओं की संख्या

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तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांगों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 86वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, धरना प्रदर्शन में युवाओं की घटती संख्या से कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की नाक में दम होने लगा है। वह लाख कोशिशें कर रहे हैं फिर भी प्रदर्शन में युवाओं को नहीं जोड़ पा रहे हैं। इनकी घटती संख्या के पीछे युवाओं व बुजुर्गों में बढ़ती जा रही रार है। युवा चाहते हैं कि उन्होंने जो दिल्ली में उपद्रव व हिंसा की उसे बुजुर्ग माफ कर दें और उनके समर्थन में बोलें, जबकि नेता इसके लिए तैयार नहीं हैं। उनको पता है कि अगर लक्खा सिधाना, दीप सिद्धू जैसे उपद्रवियों का उन्होंने साथ दिया तो इससे उनका आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा और दिल्ली पुलिस उन्हें घेर लेगी। नतीजतन, आंदोलन कमजोर पड़ता जा रहा है।

आलम यह है कि धरना स्थल पर एक भी युवा नजर नहीं आ रहा, केवल बुजुर्ग ही दिखाई देते हैं। इससे उन लोगों को परेशानी होने लगी है जो नहीं चाहते कि यह कभी खत्म हो। इसी के मद्देनजर गुरुवार को बाबा राज ¨सह मंच पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि युवा यहां पर आएं। वह एफआइआर की चिंता न करें। नेता उनके साथ बेशक न खड़े हों, निहंग सिख उनके साथ हमेशा खड़े हैं। उन्होंने किसी भी नेता का नाम लिए बिना उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, ‘युवा ¨चता न करें, हर बात का हिसाब लिया जाएगा। हमें पता है कि किसका क्या रोल है। कौन क्या करता है। कौन गद्दार है। समय आने पर इसका हिसाब लिया जाएगा।’


फैलाई जा रही नफरत सिंघु बार्डर पर अब मंच से नफरत भी फैलाई जाने लगी है। राज सिंह ने कहा, ‘मौत यहां भी आनी है और घर पर भी। यहां मरेंगे तो शहीद कहलाएंगे, इसलिए यह घर में बैठने का समय नहीं है। एक दूसरे पर कीचड़ फेंकने का नहीं है। नेताओं को नौजवानों की सुननी चाहिए। युवा को अगर पीछे छोड़ दिया तो आंदोलन लंबा चलेगा। आंदोलन वर्षों में नहीं दिनों में फतेह करना है।’

गुलामी का दिखाया जा रहा डर

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बहुत ज्यादा नफरत फैलाई जा रही है। उन्हें प्रदर्शन से जोड़े रखने के लिए गुलामी तक का डर दिखाया जा रहा है। राज सिंह मंच से प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहते हैं, ‘यह कानून लोगों को गुलाम बना देंगे। अगर कानून वापस नहीं हुए तो उन्हें खुद के खेतों में गुलाम बना दिया जाएगा। इसलिए यहां पर ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे।’

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