किसानों के आंदोलन से डरे दिल्ली-एनसीआर के लाखों कारोबारी, सरकार से लगाई राहत की गुहार

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किसानों के आंदोलन ने दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के बाजारों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण प्रभावित कारोबार को अब किसानों के आंदोलन ने काफी मुश्किल में डाल दिया है। प्रभावित राज्य हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश से ग्राहकों की आवाजाही ठप है तो माल की ढुलाई भी नहीं हो रही है। कारोबारियों की चिंता है कि अगर किसानों का यह आंदोलन लंबा चला तो यह उनके लिए काफी नुकसानदेह साबित होगा। त्योहारी मौसम में अच्छी बिक्री के बाद वर्ष का अंत अच्छा जाने की उम्मीद थी, लेकिन अब भविष्य को लेकर उहापोह की स्थिति है। कारोबारी इसकी भी चिंता जता रहे हैं कि अगर यह आंदोलन जल्द खत्म नहीं हुआ तो सामानों की किल्लत शुरू हो सकती है, जिसके कारण दिल्ली वालों को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।


चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा है कि दीपावली के बाद बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते वैसे ही दिल्ली के बाजारों से पड़ोसी राज्यों के ग्राहक दूरी बनाने लगे थे। अब किसान आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी की सीमाएं सील है तो कोई ग्राहक चाहकर भी दिल्ली के बाजारों में नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि वैसे भी कोई चीज दिल्ली में बनती नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी एक व्यापारिक हब है। अगर व्यापारी ही नहीं आ सकेंगे और सामानों का आवागमन नहीं होगा तो थोक बाजार के लिए काफी विकट स्थिति पैदा हो जाएगी। इस मामले में उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि वह जल्द हस्तक्षेप कर दिल्ली की सीमाएं खुलवाएं।


दरीबा व्यापार मंडल के महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले ग्राहकों की संख्या में चंद दिनों में 50 से 70 फीसद की गिरावट आ चुकी है। क्योंकि दिल्ली में प्रवेश की सभी सड़कों किसानों के आंदोलन के कारण यातायात बाधित है। चिंता यह है कि अगर यह आंदोलन लंबा चला तो दिल्ली में सामानों की किल्लत होनी प्रारंभ हो जाएगी और इससे दिल्ली के लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।


दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमिंदर सिंह बंटी ने कहा कि आम दिनों में दिल्ली से रोजाना 30 हजार से अधिक व्यवसायिक वाहन आवागमन करते हैं, लेकिन किसानों के आंदोलन के कारण यह पूरी तरफ से ठप है। हजारों की संख्या में गाड़ियां रास्ते में फंसी है। यहां तक की तीन-चार दिनों से माल की ढुलाई नहीं हो रही है। इस कारण वे लोग हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व राजस्थान की बुकिंग फिलहाल नहीं कर रहे हैं। क्योंकि तीन-चार दिनों से माल की ढुलाई पूरी तरह से ठप है और गोदाम बुकिंग के सामानों से भर गए हैं।

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