एमबीबीएस छात्र और डेंटल डॉक्टरों की तैनाती में जुटा लोकनायक अस्पताल

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कोरोना संकट से जूझती राजधानी में डॉक्टरों की कमी के चलते अब एमबीबीएस कर चुके और एमबीबीएस इंटर्न कर रहे छात्रों व डेंटल के डॉक्टर कोरोना के मरीजों का इलाज करेंगे। दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक के प्रबंधन ने ऐसे छात्रों और डॉक्टरों की तैनाती के लिए उनकी सहमति लेनी शुरू कर दी। आपको बता दें कि लोकनायक अस्पताल मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है, इसलिए अस्पताल प्रंबधन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और इंटर्न कर रहे छात्रों और जूनियर डेंटल डॉक्टरों से कोरोना मरीजों के इलाज में तैनाती के लिए उनकी सहमति ले रहा है। सहमति मिलने के बाद इन्हें कोरोना मरीजों के इलाज में लगाया जाएगा। इसकी जानकारी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने दी।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए 18 नवंबर को दिल्ली सरकार के सभी कोविड अस्पतालों के चिकित्सा निदेशकों को एमबीबीएस चौथे और पांचवें वर्ष के छात्रों, इंटर्न और बीडीएस डॉक्टरों की तैनाती कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए करने का आदेश जारी किया था।


आदेश में इन छात्रों और डॉक्टरों को आठ घंटे की ड्यूटी के लिए एक हजार और 12 घंटे की ड्यूटी के लिए दो हजार रुपये मानदेय देने की बात भी कही गई थी। यह आदेश दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेष सचिव एसएम अली की ओर से जारी किया गया था। इसी के आधार पर अब लोकनायक अस्पताल प्रबंधन ने इनकी तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है।

दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच अस्पताल में प्रतिदिन करीब 60-70 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इसलिए अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है।


वहीं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश का विरोध कर रहा है। फोर्डा का कहना है कि कोरोना संकट के समय में अप्रशिक्षित छात्रों की तैनाती करना ठीक नहीं है। ऐसा करने से उनकी जान को भी खतरा पैदा होगा। इसलिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।

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