अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना कॉलर ट्यून हटाने की मांग, दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा मामला
मोबाइल फोन पर अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति आगाह करने वाली कॉलर ट्यून को हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जागरूक करने वाली कॉलर ट्यून को हटाया जाए। इसके पीछे याचिकाकर्ता की ओर से कई तरह के तर्क दिए गए हैं। कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में यह तर्क भी दिया गया है कि कोरोना के दौर में कोरोना वॉरियर्स को ही मोबाइल फोन की कॉलर ट्यून में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम के तहत हिस्सेदारी दी जानी चाहिए। यह भी कहा गया है कि बहुत से लोग कोरोना वॉरियर्स हैं और उन्होंने समाज में बेहतर काम करके एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। इतना ही नहीं, अमिताभ बच्चन इस काम के लिए केंद्र सरकार पैसा भी ले रहे हैं। जागरूकता कार्यक्रम के लिए मोबाइल पर कॉलर ट्यून अमिताभ बच्चन की जगह उन लोगों की लगाई जानी चाहिए जिन्होंने करोना काल में समाज के लिए सेवा की है। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश ज्योति सिंह (Chief Justice D N Patel and Justice Jyoti Singh) की पीठ ने इसे 18 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील ने शारीरिक सुनवाई में असमर्थता व्यक्त की थी।
परिवार के लोगों के साथ अमिताभ बच्चन खुद हुए कोरोना पॉजिटिव
यहां पर बता दें कि मुंबई में तेजी से फैले कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अमिताभ बच्चन परिवार के कई सदस्यों के साथ खुद भी चपेट में आ गए थे। इनमें उनका बेटा अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय भी शामिल हैं। ये सभी मुंबई के अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां पर इन सबका इलाज चला था।
याचिका में अमिताभ को भी घेरा
दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता राकेश ने याचिका में कहा है कि अमिताभ बच्चन मोबाइल फोन की कॉलर ट्यून पर कोरोना से लड़ने के लिए और इससे बचाव के उपायों के बारे में बताकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।वहीं, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन खुद के साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसकी परवाह नहीं थी। ये सभी कोरोना की चपेट में आए थे। अधिवक्ता एके दुबे और पवन कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार अमिताभ बच्चन को कॉलर रिंगटोन पर ऐसे निवारक उपायों के लिए पारितोषिक के तौर पर फीस भी दे रही है। याचिका में यह तर्क भी दिया गया है कि देश में कई कोरोना योद्धा हैं जो निस्वार्थ भाव से गरीब और ज़रूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे हैं। याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि कुछ प्रसिद्ध कोरोना योद्धा बिना किसी भुगतान के अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।