अपूर्वा शुक्ला तिवारी की कोर्ट ने क्यों खारिज की जमानत,पढ़िये- जज की टिप्पणी
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या मामले में आरोपित अपूर्वा शुक्ला तिवारी की जमानत याचिका दिल्ली कोर्ट से खारिज हो गई है। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव (Sandeep Yadav, Additional Sessions Judge of Saket Court) ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या के मामले में उनकी पत्नी अपूर्वा तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। साकेत कोर्ट ने मंगलवार को अपूर्वा की जमानत यह कहते हुए खारिज कर दी कि हत्या आरोपित गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकती है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने याचिका खारिज करने के दौरान यह भी कहा कि अभियुक्त रोहित के परिवार से संबंध रखती है। ऐसे में वह उन गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकती है, जिनका अभी तक परीक्षण नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा कि मौके पर मिले सीसीटीवी फुटेज में अपूर्वा ही अंतिम व्यक्ति थी जो कि घटनास्थल तक जाते हुए दिखी है। ऐसे में पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर जमानत याचिका खारिज की जाती है।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत में पहले ही बताया जा चुका है कि अपूर्वा शुक्ला तिवारी की ओर से पुलिस को रोहित की मौत के तुरंत बाद कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मौत के बाद सबसे पहले रोहित को नौकरों ने देखा था।
यहां पर बता दें कि रोहित तिवारी की हत्या पिछले साल 15-16 अप्रैल की आधी रात को की गई थी। इससे एक दिन पहले ही वह उत्तराखंड से लोकसभा के लिए मतदान करके दिल्ली स्थित घर लौटे थे। पूछताछ में यह भी पता चल था कि 15 अप्रैल को रोहित और अपूर्वा में अनबन के बाद मारपीट भी हुई थी। पुलिस ने जांच में पाया था कि एक महिला के साथ शराब पीने को लेकर रोहित और अपूर्वा में बहस हुई थी। इसके बाद उसी रात रोहित का कत्ल हो गया था।