ब्रजेश ठाकुर के बाद एक और दोषी ने निचली अदालत के फैसले को दी चुनौती
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराए गए अभियुक्त रवि कुमार रोशन निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। रवि ने निचली अदालत के फैसले को रद कर बरी करने की मांग की है। रवि की तरफ से अधिवक्ता डॉक्टर एपी सिंह ने कहा कि साकेत कोर्ट ने रवि को दोषी ठहराए जाने के समय साक्ष्य व सच्चाई पर ध्यान नहीं दिया। एपी ने दलील दी कि रवि के खिलाफ एक भी लड़की ने आरोप नहीं लगाया, इसके बावजूद भी मीडिया व राजनीतिक दबाव में आकर रवि को दोषी ठहरा दिया गया है। उन्होंने मांग की कि निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर रवि को बरी कर दिया जाए।
निचली अदालत के फैसले को दोषी व मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर एवं अन्य सजायाफ्ता कैदियों ने भी निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। इस पर सुनवाई 18 फरवरी को होगी। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों का यौन व मानसिक शोषण करने के आरोप में साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर व अन्य 18 लोगों को दोषी ठहराया था।
दोषी ने हाई कोर्ट में दी ये दलील
ब्रजेश ठाकुर व अन्य ने अपील याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने इस मामले की सुनवाई जल्दबाजी में की थी। उसने दलील दी है कि अदालत ने यह नहीं देखा कि जिस व्यक्ति को दुष्कर्म जैसे मामले में सजा दी जा रही है वह इस कृत्य के लिए सक्षम भी है या नहीं। सीबीआइ ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि ब्रजेश ठाकुर को जघन्य अपराधों के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले को बिहार से ट्रांसफर कर दिल्ली लाया गया था। मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराया है।