बब्बर खालसा आतंकी हवारा केस में सुनवाई: 18 साल पुराने माले में अभी तक आरोप तय नहीं हुए; मोहाली में भी केस लंबित
चंडीगढ़2 दिन पहले
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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) आतंकी संगठन के सदस्य जगतार सिंह हवारा को आज चंडीगढ़ जिला अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जा सकता है। वर्ष 2005 में सेक्टर 17 पुलिस स्टेशन में हवारा के खिलाफ IPC की धारा 121, 121ए, 122, 153 और 120बी समेत आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54,59 के तहत केस दर्ज किया गया था।
18 साल पुराने इस केस में अभी तक हवारा के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सके हैं। आरोप तय पर बहस के लिए आज सुनवाई होनी है।
बता दें कि आरोप तय के लिए आरोपी का पेश होना जरुरी होता है। ऐसे में कोर्ट ने पिछले वर्ष दिसंबर में हवारा को दिल्ली तिहाड़ जेल से लाए जाने के आदेश दिए थे। हालांकि सुरक्षा कारणों से हवारा की पेशी टल गई थी। इसके बाद मामले में फरवरी और मार्च में भी किन्हीं कारणों से सुनवाई नहीं हुई। मोहाली कोर्ट में वर्ष 2005 के एक केस में हवारा ने आरोपमुक्त के लिए अर्जी दायर की गई है। उस केस में अब 17 अप्रैल को सुनवाई है।
हवारा की पेशी की मांग की गई थी
पिछले वर्ष मार्च से हवारा पर आरोप तय पर बहस को लेकर यह कार्रवाई चल रही है। दिल्ली तिहाड़ जेल अथॉरिटी ने हवारा को सुरक्षा कारणों से पेश नहीं किया था। मामले में सेंट्रल जेल के सुपरिनटैंडैंट ऑफिस का एक लेटर भी कोर्ट में पेश किया गया था। वहीं हवारा के वकील ने मांग की थी कि केस में ट्रायल सिर्फ आरोपी की शारीरिक रूप से अनुपस्थिति होने पर ही शुरू किया जाना चाहिए। हवारा पर दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में कोई केस दर्ज नहीं है। इस पर सरकारी वकील ने कहा था कि वह संबंधित पुलिस/प्रशासनिक अथॉरिटी/विभाग से मामले में बात कर उचित रिपोर्ट पेश करना चाहते हैं।

न्यायहित में VC से पेश करने को कहा था
कोर्ट ने बीते 17 दिसंबर, 2022 को आरोप तय पर बहस के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की थी। वहीं कोर्ट ने कहा था कि न्यायहित में हवारा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। बता दें कि लंबे समय से उसे सुरक्षा कारणों से हवारा को तिहाड़ जेल में रखा गया है। जनवरी, 2004 में वह अपने साथियों जगतार सिंह तारा, परमजीत सिंह भ्यौरा और एक हत्या मामले में दोषी देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल में 104 फीट गहरी सुरंग बना फरार हो गया था। देवी सिंह को छोड़ तीनों को पकड़ लिया गया था।
चंडीगढ़ शिफ्ट करने को भी कहा था
अपने पूर्व आदेशों में ADJ की कोर्ट ने जेल अथॉरिटी को कहा था है कि यदि हवारा के खिलाफ दिल्ली की अदालतों में कोई अन्य केस लंबित नहीं है तो उसे चंडीगढ़ (बुड़ैल जेल) शिफ्ट किया जाए। इससे चंडीगढ़ में उसके खिलाफ लंबित केसों की सुचारु रूप से सुनवाई हो सकेगी। बता दें कि हवारा को बेअंत सिंह हत्याकांड में आजीवन जेल की सजा दी गई थी। वहीं पंजाब में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हुए थे।

पेशी का विरोध किया था
हवारा को तिहाड़ जेल से न लाए जाने की मांग को लेकर एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट, इंडिया के वीरेश शांडिल्य ने बीते दिसंबर में कोर्ट में एक अर्जी भी दायर की थी। शांडिल्य ने कहा था कि हवारा को VC के जरिए ही पेश किया जाए। इसके पीछे पंजाब के मौजूदा हालातों को भी आधार बनाया गया था। वहीं बताया गया था कि इससे पहले भी उसकी VC से ही सुनवाई होती थी। हवारा को चंडीगढ़ और पंजाब की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। कहा गया था कि वह पहले भी जेल से फरार हो चुका है।