पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या मामले में CBI जांच होगी या नहीं? सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से जांच करवाए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। पिछले साल 16 अप्रैल को पालघर में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। ये दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए गुजरात के सूरत शहर जा रहे थे। लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझ कर मार डाला था।
महाराष्ट्र सरकार मामले में सीबीआइ जांच नहीं चाहती है। उसने सुप्रीम कोर्ट को पिछली सुनवाई में सूचित किया था कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित या निलंबित कर दिया गया है। ऐसे में सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से घटना के संबंध में आरोपपत्र और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के विवरण का रिकॉर्ड मांगा था।
याचिका में सीबीआइ द्वारा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने में कथित विफलता के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई है। मामले में साधुओं के रिश्तादार और जूना अखाड़ा के साधुओं ने सीबीआइ और एनआइए जांच की मांग की थी।
क्या है पूरा मामला
पिछले कोरोना लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल को पालघर जिले के गढ़चिंचले में दो साधुओं 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि और 35 वर्षीय सुशीलगिरि महाराज और उनके ड्राइवर 30 वर्षीय नीलेश तेलगडे की उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर समझकर हमला कर हत्या कर दी थी। दोनों साधु एक अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए गुजरात जा रहे थे। पुलिस के अनुसार जहां यह घटना हुई बच्चा चोर गिरोह को लेकर अफवाह फैली थी। ग्रामिणों को इनपर शक हुआ और उन्होंने इनपर हमला कर दिया।