जानें- पाकिस्तान सरकार से क्यों खुश नहीं है अमेरिका फ्रांस समेत कई देश, FATF की बैठक में दिखाई देगा असर
पाकिस्तान को लेकर आज फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इस मुद्दे पर सोमवार को एफएटीएफ की बैठक होनी तय है। इसके बाद पता चल जाएगा कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा या फिर उसकी कारगुजारियों की वजह से वो काली सूची में डाला जाएगा। 22 फरवरी से 25 फरवरी के बीच चलने वाली इस तीन दिवसीय बैठक में पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद पर लगाम लगाने की हर कोशिशों पर गौर किया जाएगा। इस दौरान ये भी देखा जाएगा कि पाकिस्तान एफएटीएफ द्वारा बताए गए कितने मापदंडों को पूरा कर पाया है। इसके बाद ये संगठन कोई फैसला लेगा।
आपको बता दें कि पिछले कई वर्ष से पाकिस्तान को इस संगठन द्वारा ग्रे लिस्ट में डाला गया है। वर्ष 2020 में पाकिस्तान के मुद्दे पर बैठक को कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से टाला गया था लेकिन बाद में अक्टूबर 2020 में हुई इसकी वर्चुअल मीटिंग में इसको दोबारा ग्रे लिस्ट में डाला गया था। पाकिस्तान के अखबार द डॉन का कहना है कि एफएटीएफ द्वारा ग्रे सूची में डाले जाने की मियाद इस माह खत्म हो रही है। पाकिस्तान ने पिछली इस बैठक में अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि उसने एफएटीएफ के 27 मानकों में से 6 को पूरा कर लिया है और एंटी मनी लॉड्रिंग और आतंकवाद को पालने के लिए एकत्रित की जाने वाली राशि पर रोक लगाई है। इस बार होने वाले एफएटीएफ की ये बैठक भी पिछली बार की ही तरह पेरिस में वर्चुअल होगी।
डॉन ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान की तरफ आतंकवाद पर रोकथाम लगाने को लेकर किए गए प्रयासों के बाबत अपनी डिटेल एफएटीएफ सचिवालय को मुहैया करवा दी है। वह छह मानकों को पहले ही पूरा कर चुका है। अब एफएटीएफ पाकिस्तान के दिए तथ्यों पर गौर करेगी। पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि वो ग्रे-लिस्ट से बाहर जा जाएगा। हालांकि डॉन ने अपने विश्लेषकों के हवाले से बताया है कि फ्रांस जहां, पर इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है और कई अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों को नाकाफी मानते हुए पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में ही रखने का समर्थन कर रहे हैं। इन देशों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस संबंध में कुछ खास काम नहीं किया है। हालांकि इन विशेषज्ञो का ये भी कहना है कि एफएटीएफ अंतिम फैसला सभी के सहयोग से ही लेगी।
डॉन ने एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार यूनुस खान के हवाले से लिखा है कि हाल ही में हुए कार्टून विवाद से फ्रांस पाकिस्तान से खुश नहीं है। न ही पाकिस्तान का पेरिस में कोई स्थायी राजदूत मौजूद है। इसके अलावा दोनों ही देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग भी नाकाफी है। इसके अलावा अमेरिका भी पाकिस्तान से खुश नहीं है। हाल में उसके पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में बरी हुए मुख्य आरोपी को लेकर अमेरिका की नाराजगी खुलकर सामने आई है। इसलिए भी पाकिस्तान के जून तक इस लिस्ट से बाहर आने की उम्मीद कम है। अखबार के मुताबिक यूनुस लगातार एफएटीएफ की बैठकों को कवर करते रहे हैं। एक अन्य अधिकारी के हवाले से डॉन ने कहा है कि पाकिस्तान को लेकर क्या फैसला होगा इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।