केजरीवाल के सांसद का आरोप, अडानी से समझौता कर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा
आम आदमी पार्टी के पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने दिल्ली में प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया कि कृषि संबंधी केंद्रीय कानूनों के विरुद्ध जिस समय पंजाब और देश का किसान केंद्र के साथ-साथ कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है, ऐसे समय में कांग्रेस की कैप्टन अम¨रदर सिंह की सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद का समझौता किया गया है। मान ने कहा कि ऐसा करके कैप्टन ने किसान आंदोलन की पीठ में छुरा घोंपा है।
सांसद भगवंत मान ने कहा कि कृषि विरोधी कानूनों और कॉर्पोरेट घरानों के बारे में कैप्टन की कथनी और करनी में फर्क है। एक तरफ कैप्टन और कांग्रेस कृषि कानूनों के विरुद्ध तरह तरह के बयान दे रही है, दूसरी तरफ कैप्टन सरकार बार-बार कृषि कानूनों और कॉर्पोरेट घरानों का पक्ष लेती आ रही है।
उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप से किए ताजा बिजली समझौते ने साबित कर दिया है कि कैप्टन मोदी सरकार से मिले हुए हैं। भगवंत मान ने कहा कि जब कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब और देश के किसान 26 नवंबर को दिल्ली कूच करने के लिए आह्वान कर रहे थे तो ठीक उस समय कैप्टन ने अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीदने की डील सफलतापूर्वक पूरी कर ली थी। कैप्टन का यह कदम किसान आंदोलन का मनोबल तोड़ने की साजिश से कम नहीं है, क्योंकि किसान कॉर्पोरेट घरानों से संबंधित पेट्रोल पंपों, मॉल, टोल प्लाजों आदि कारोबार का बॉयकाट कर रहे हैं। उस समय कैप्टन सरकार अडानी ग्रुप को पंजाब में बिजली के कारोबार का तोहफा दे दिया।
भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की मांग करते कहा कि नैतिक तौर पर कैप्टन को पंजाब का मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि यदि कैप्टन लोक हितैषी होते तो वह मोदी सरकार के दबाव में आ कर अडानी ग्रुप के साथ बिजली समझौता न करते और अपने चुनावी वायदे के अनुसार बादल की ओर से निजी बिजली कंपनियों के साथ किए गए महंगे और एक तरफा बिजली खरीद समझौते भी रद करते।